
पुराण की कथाएं तीसरा भाग
ये पुस्तक पूर्णतः देश की प्राचीन महान नारियों और देवियों को समर्पित है। वेद, उपनिषद, ब्राह्मण ग्रंथ, पुराण सब का आश्रय लेकर लेखक ने बतलाया है कि भारतीय महिलाओं को प्राचीन काल में कितना आदर और महत्व दिया जाता था, जो आधुनिक काल में महिला स्वतंत्रता की बातों से काफी बढ़कर था।
मुख्य देवियों के संबंध में उनका वैदिक महत्व, और पुराणों से उनकी कहानियों को सरल भाषा में स्पष्ट रूप में बतलाया गया है।
दुर्गा और काली से संबंधित कहानियाँ अद्भुत हैं। सरस्वती की पूजा, मंत्र, कवच की भी अच्छी जानकारी है।
गायत्री को वेद माता क्यों कहते हैं, उनके जप और ध्यान का क्या तरीका है, ये भी इससे समझ सकते हैं।
राधा की कृष्ण से अभिन्नता, और गोपियों के स्वरूप को नए ढंग से आप देख सकते हैं, और गंगा की उत्पत्ति की भी नई कहानी को जान सकते हैं ।
द्रौपदी के पूर्व जन्म को जान कर शिव के आशीर्वाद के कारण उनके पञ्च पांडवों की पत्नी होने की अद्भुत कथा इसमें है।