
अठारह पुराण प्राचीन काल के महान राजाओं, उनके वंश, देवताओं, असुरों, और ऋषियों के साथ सामान्य मनुष्यों और उनके सामाजिक और धार्मिक रीतियों की जानकारी का साधन हैं।
शब्द कल्पद्रुम के अनुसार, पुराण से अर्थ है : पुरा भवमिति, जो पूर्व काल में था या हुआ । दूसरा अर्थ है: पुरा नीयते इति । जो हमें प्राचीन काल में ले जाता है।
इससे स्पष्ट होता है कि पुराण का मुख्य अभिप्राय एक प्राचीन घटना को कहानी या विवरण से बताने का है , जिससे वर्तमान पीढ़ी उसे जाने।
इतिहास और पुराण की कहानियों की सीरीज के इस पहले भाग में देव, असुर, महान राजा, ऋषि , अप्सरा , आदि की पचास से अधिक मनोरंजक कहानियों को चुन कर लिया गया है।
इन कहानियों को विभिन्न युगों के प्रतिनिधियों , विभिन्न भावनाओं के साथ , और विभिन्न प्रकार की समस्याओं के समाधान की खोज के रूप में चुना गया है।
प्रलय की कहानियों से शुरू कर विष्णु के पहले छः अवतार, महान भक्त, शिव का सती से वियोग, आदि प्रसिद्ध कहानियों के साथ बहुत सारी अल्प ज्ञात कहानियों का आनंद आप इससे उठा सकते हैं .
इन को छोटे बच्चे से लेकर आध्यात्म के मार्ग में प्रबुद्ध ज्ञानी तक पढ़ कर आनंद उठा रहे हैं ।
Contents
अध्याय 2 महान प्रलय की कहानियाँ…
अध्याय 3 हिरण्य कश्यप और हिरण्याक्ष की कहानी..
अध्याय 4 प्रह्लाद और नरसिंहा अवतार.
अध्याय 6 इंद्र और विरोचन की कथा..
अध्याय 7 राजा बली और वामन अवतार.
अध्याय 11 राजा हरिश्चंद्र की कहानी…
अध्याय 11 ब्रह्मा और विष्णु के बीच विवाद.
अध्याय 13 विश्वामित्र और मेनका की कथा…
अध्याय 14 दुष्यंत और शकुंतला की कथा…
अध्याय 16 राजा सगर और भगीरथ की कहानी…
अध्याय 17 इंद्र द्वारा ब्रह्म हत्या से समस्या…..
अध्याय 19 स्यामंतक मणि की कहानी…
अध्याय 20 समय यात्रा की दो कहानियाँ…
अध्याय 23 शिव के दो द्वारपाल..
अध्याय 25 अलग-अलग अर्थों वाला एक अक्षर.
अध्याय 26 दधीचि और पिप्पलाद की कहानियाँ..
अध्याय 28 इंद्रियों के बीच झगड़ा…
अध्याय 29 दसवें आदमी की कहानी…
अध्याय 30 पुरूरवा और उर्वशी की कहानी…
अध्याय 31 ययाति और पुरु की कथा…
अध्याय 32 राजा कुरु और कुरुक्षेत्र..
अध्याय 33 अवीक्षित और मरूत की कहानी..